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CBSE Important Questions for Class 6 Hindi Malhar Gol - 2025-26

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Gol Class 6 Extra Questions and Answers Free PDF Download

When preparing for your CBSE Class 6 Hindi exams, it's essential to focus on frequently asked important questions. Vedantu has designed a list of the most Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 - Gol and Ek Daud Aisi Bhi

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You’ll find short and simple answer questions and helpful test paper questions to practise. Plus, we’ve made it even easier for you by offering extra questions. Check out our main page on CBSE Class 6 Hindi Malhar Important Questions for more helpful study material.

Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 - Gol

गोल

1. मेजर ध्यानचंद का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयाग में हुआ था।


2. मेजर ध्यानचंद को किस उपाधि से सम्मानित किया गया था?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद को "हॉकी का जादूगर" कहा जाता था।


3. ध्यानचंद ने किस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया?
उत्तर: ध्यानचंद ने 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया।


4. ध्यानचंद ने किस रेजिमेंट में हॉकी खेलना शुरू किया?
उत्तर: ध्यानचंद ने 'ब्राह्मण रेजिमेंट' में हॉकी खेलना शुरू किया।


5. ध्यानचंद ने घायल होने के बाद कितने गोल किए थे?
उत्तर: ध्यानचंद ने घायल होने के बाद छह गोल किए थे।


6. मेजर ध्यानचंद के हॉकी करियर की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद ने 16 साल की उम्र में 'ब्राह्मण रेजिमेंट' में भर्ती होकर हॉकी खेलना शुरू किया। उनके सूबेदार मेजर तिवारी ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया और उन्हें खेल में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित किया।


7. मेजर ध्यानचंद की खेल भावना को कैसे प्रदर्शित किया गया है?
उत्तर: ध्यानचंद की खेल भावना अद्वितीय थी, उन्होंने न केवल खुद गोल किए, बल्कि टीम की सफलता के लिए अपने साथियों को भी मौके दिए। उन्होंने हमेशा टीम की जीत को व्यक्तिगत जीत से ऊपर रखा।


8. 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम की सफलता में ध्यानचंद की क्या भूमिका रही?
उत्तर: 1936 के बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया और जर्मनी के खिलाफ फाइनल में भारतीय टीम ने 8-1 से जीत हासिल की। ध्यानचंद ने इस मैच में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।


9. ध्यानचंद ने चोट लगने के बाद क्या किया?
उत्तर: चोट लगने के बाद ध्यानचंद ने पट्टी बंधवाकर मैदान में वापस लौटकर छह गोल किए और अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई।


10. मेजर ध्यानचंद को "हॉकी का जादूगर" क्यों कहा जाता है?
उत्तर: ध्यानचंद के अद्वितीय खेल कौशल और उनकी शानदार खेल तकनीक की वजह से उन्हें "हॉकी का जादूगर" कहा जाता है। उन्होंने हॉकी में ऐसे अद्भुत प्रदर्शन किए, जो किसी जादू से कम नहीं थे।


11. मेजर ध्यानचंद के जीवन की मुख्य घटनाओं का वर्णन करें।
उत्तर: मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयाग में हुआ था। वे 16 साल की उम्र में 'ब्राह्मण रेजिमेंट' में भर्ती हुए, जहाँ से उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया। उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण 1936 का बर्लिन ओलंपिक था, जहाँ उन्होंने भारतीय टीम का नेतृत्व किया और शानदार जीत हासिल की। ध्यानचंद के अद्वितीय खेल कौशल की वजह से उन्हें "हॉकी का जादूगर" कहा गया। उनकी खेल भावना और नेतृत्व क्षमता के कारण भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।


12. बर्लिन ओलंपिक 1936 में भारतीय टीम की जीत में ध्यानचंद की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर: 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम का नेतृत्व ध्यानचंद ने किया। फाइनल मैच में भारतीय टीम ने जर्मनी के खिलाफ खेला और 8-1 से जीत हासिल की। इस मैच में ध्यानचंद ने न केवल अपने कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरी टीम को भी जीत की ओर प्रेरित किया। इस जीत ने ध्यानचंद को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और भारतीय हॉकी की धाक जमाई।


13. ध्यानचंद की खेल भावना और नेतृत्व क्षमता को कैसे प्रदर्शित किया गया है?
उत्तर: ध्यानचंद की खेल भावना अद्वितीय थी। उन्होंने हमेशा टीम की जीत को व्यक्तिगत जीत से अधिक महत्व दिया। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने बर्लिन ओलंपिक 1936 में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्टता दिखाई, और टीम के हर सदस्य को मौका देकर सामूहिकता का महत्व समझाया। उनकी नेतृत्व क्षमता ने भारतीय टीम को सफलता के शिखर पर पहुँचाया।


14. ध्यानचंद की खेल के प्रति समर्पण और अनुशासन का वर्णन करें।
उत्तर: ध्यानचंद का खेल के प्रति समर्पण और अनुशासन ही उनकी सफलता की कुंजी था। उन्होंने अपने खेल कौशल को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की और अनुशासित जीवनशैली अपनाई। वे न केवल दिन में, बल्कि रात में भी प्रैक्टिस करते थे। उनके समर्पण और अनुशासन के कारण ही वे हॉकी के क्षेत्र में महानता के शिखर तक पहुँच सके।


15. ध्यानचंद की सफलता में उनके कौन से गुण महत्वपूर्ण रहे?
उत्तर: ध्यानचंद की सफलता में उनकी मेहनत, समर्पण, और अनुशासन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी खेल भावना और टीम भावना ने उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाया। वे हमेशा टीम की जीत को व्यक्तिगत उपलब्धियों से ऊपर रखते थे और उनका खेल के प्रति समर्पण उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता था।


16. ध्यानचंद ने खेल को सिर्फ प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं देखा, बल्कि उसे जीवन का हिस्सा कैसे माना?
उत्तर: ध्यानचंद ने खेल को एक प्रतिस्पर्धा से अधिक जीवन का हिस्सा माना। उनके लिए हॉकी सिर्फ जीतने का साधन नहीं थी, बल्कि यह उनके अनुशासन, समर्पण और टीम भावना का प्रतीक थी। उन्होंने खेल के माध्यम से जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य जैसे सहयोग, अनुशासन और आत्म-सम्मान सीखे और इन्हें अपने जीवन में अपनाया।


17. बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद की भूमिका को भारतीय हॉकी के लिए क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?
उत्तर: बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद की भूमिका भारतीय हॉकी के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता। उनके खेल कौशल और नेतृत्व ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित किया। इस ओलंपिक में उनकी सफलता ने भारतीय हॉकी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई।


18. ध्यानचंद के खेल को उनके जीवन में किस प्रकार से आत्मसात किया गया था?
उत्तर: ध्यानचंद ने अपने खेल को पूरी तरह से अपने जीवन में आत्मसात किया था। उनका अनुशासन, समर्पण और खेल के प्रति उनकी लगन ने उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाया। वे अपने खेल से न केवल हॉकी के नियमों का पालन करते थे, बल्कि जीवन के नियमों का भी पालन करते थे। खेल उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा था।


19. ध्यानचंद के खेल में तकनीकी कुशलता और रणनीतिक सोच का क्या महत्व था?
उत्तर: ध्यानचंद के खेल में तकनीकी कुशलता और रणनीतिक सोच का अत्यधिक महत्व था। उनकी गेंद पर पकड़ और खेल को पढ़ने की क्षमता उन्हें एक अद्वितीय खिलाड़ी बनाती थी। वे हमेशा टीम के हित में खेलते थे और अपने साथियों को भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते थे। उनकी रणनीतिक सोच ने उन्हें "हॉकी का जादूगर" की उपाधि दिलाई।


20. ध्यानचंद के जीवन से हम व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में क्या सीख सकते हैं?
उत्तर: ध्यानचंद के जीवन से हम यह सीख सकते हैं कि समर्पण, अनुशासन, और टीम भावना किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने हमेशा टीम की सफलता को प्राथमिकता दी और अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को पीछे रखा। उनकी जीवनशैली और खेल के प्रति समर्पण हमें सिखाता है कि कड़ी मेहनत और अनुशासन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।


21. मेजर ध्यानचंद का भारतीय हॉकी में क्या योगदान था?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद का भारतीय हॉकी में योगदान अद्वितीय था। उन्होंने अपने उत्कृष्ट खेल कौशल से भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और भारत को कई महत्वपूर्ण मैचों में जीत दिलाई।


22. ध्यानचंद ने हॉकी खेलने की प्रेरणा कहाँ से प्राप्त की?
उत्तर: ध्यानचंद ने हॉकी खेलने की प्रेरणा अपनी रेजिमेंट 'ब्राह्मण रेजिमेंट' के सूबेदार मेजर तिवारी से प्राप्त की, जिन्होंने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया और उन्हें अपने खेल को सुधारने में मदद की।


23. बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम की जीत का क्या महत्व था?
उत्तर: बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम की जीत का महत्व इस बात में था कि यह जीत भारतीय हॉकी को विश्व मंच पर पहचान दिलाने वाली थी। इस जीत ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया और अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में भारतीय हॉकी की प्रतिष्ठा स्थापित की।


24. मेजर ध्यानचंद के खेल कौशल ने उन्हें कौन सी उपाधि दिलाई?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद के अद्वितीय खेल कौशल ने उन्हें "हॉकी का जादूगर" की उपाधि दिलाई। उनकी अद्भुत खेल प्रतिभा ने उन्हें विश्वभर में प्रसिद्धि दिलाई।


25. मेजर ध्यानचंद के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि समर्पण, अनुशासन और कड़ी मेहनत से किसी भी क्षेत्र में महानता हासिल की जा सकती है। उनका जीवन सिखाता है कि सफलता का मूल मंत्र मेहनत और समर्पण है।


एक दौड़ ऐसी भी

1. ओलंपिक खेलों की किस घटना का उल्लेख इस पाठ में किया गया है?
उत्तर: पाठ में एक विशेष दौड़ का उल्लेख किया गया है जो ओलंपिक खेलों के दौरान हो रही थी।


2. इस दौड़ में कितनी मीटर की दूरी तय करनी थी?
उत्तर: इस दौड़ में 100 मीटर की दूरी तय करनी थी।


3. दौड़ के दौरान क्या अनोखी घटना हुई?
उत्तर: एक प्रतियोगी ने गिरकर दौड़ रोक दी और बाकी खिलाड़ियों ने दौड़ छोड़कर उसकी मदद की।


4. क्या इस दौड़ में कोई विजेता था?
उत्तर: नहीं, कोई एक विजेता नहीं था क्योंकि सभी ने मिलकर दौड़ पूरी की।


5. प्रतियोगियों के इस कार्य पर दर्शकों की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर: दर्शक सभी प्रतियोगियों के इस कार्य पर तालियाँ बजाकर उनका स्वागत कर रहे थे।


6. इस दौड़ में क्या खास बात थी जो इसे सामान्य दौड़ से अलग बनाती है?
उत्तर: इस दौड़ में एक प्रतियोगी के गिरने के बाद सभी प्रतियोगियों ने अपनी दौड़ रोक दी और उसकी मदद की। यह दौड़ सहयोग और मानवता का प्रतीक बन गई।


7. प्रतियोगी के गिरने पर बाकी प्रतिभागियों ने क्या किया?
उत्तर: बाकी प्रतिभागियों ने दौड़ छोड़ दी और मिलकर उस गिरे हुए प्रतिभागी को उठाया। उन्होंने एक साथ रेखा पार की।


8. दर्शकों की प्रतिक्रिया से दौड़ का क्या महत्व समझ में आता है?
उत्तर: दर्शकों ने इस अनोखे दृश्य पर तालियाँ बजाईं, जिससे यह समझ में आता है कि वे इस मानवता और सहयोग के प्रदर्शन से बेहद प्रभावित थे।


9. दौड़ के अंत में क्या दृश्य देखा गया?
उत्तर: दौड़ के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक साथ रेखा पार की, और दर्शक तालियाँ बजाकर उनका सम्मान कर रहे थे।


10. यह कहानी हमें क्या सिखाती है?
उत्तर: यह कहानी हमें सिखाती है कि खेल में सहयोग और इंसानियत जीत से भी अधिक महत्वपूर्ण होती है।


11. इस विशेष दौड़ की घटना में खिलाड़ियों ने किस प्रकार से मानवता का उदाहरण प्रस्तुत किया?
उत्तर: इस विशेष दौड़ में, जब एक खिलाड़ी गिर गया, तो बाकी सभी प्रतिभागियों ने दौड़ रोक दी और उसकी मदद करने के लिए लौटे। उन्होंने इस बात की परवाह नहीं की कि कौन जीतेगा, बल्कि मानवता और सहयोग को प्राथमिकता दी। उन्होंने उस गिरे हुए खिलाड़ी को उठाया और सभी ने एक साथ दौड़ समाप्त की। यह घटना दर्शाती है कि किसी खेल में सिर्फ जीत ही महत्वपूर्ण नहीं होती, बल्कि आपसी समझ, सहयोग और मदद का भी बड़ा महत्व है। सभी खिलाड़ियों के इस कार्य से यह संदेश मिलता है कि खेल की असली भावना प्रतिस्पर्धा से ऊपर मानवता में है।


12. दर्शकों की तालियाँ बजाने की प्रतिक्रिया से इस घटना की क्या महत्ता उभरकर आती है?
उत्तर: दर्शकों ने प्रतियोगियों के इस असाधारण कदम को देखकर तालियाँ बजाईं, जो यह दर्शाता है कि उन्होंने मानवता और सहयोग को अधिक महत्व दिया। यह घटना इस बात को साबित करती है कि दर्शकों को सिर्फ जीतने वाले की परवाह नहीं होती, बल्कि उन्हें वह भावना और मूल्य अधिक प्रिय होते हैं जो खेल में दिखाए जाते हैं। इस दौड़ ने दर्शकों को यह सिखाया कि खेल का असली उद्देश्य जीतना नहीं, बल्कि खेल भावना, सहयोग और मानवता का सम्मान करना है।


13. इस घटना ने खेल भावना के बारे में क्या विशेष संदेश दिया?
उत्तर: इस घटना ने खेल भावना के बारे में एक विशेष संदेश दिया कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा का नाम नहीं है, बल्कि उसमें आपसी सहयोग, सहायता और मानवता भी महत्वपूर्ण है। खिलाड़ी अपनी व्यक्तिगत जीत को छोड़कर एक गिरे हुए साथी की मदद के लिए वापस लौटे और इस तरह उन्होंने खेल भावना का सच्चा उदाहरण प्रस्तुत किया। यह घटना सिखाती है कि खेल में केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि सामूहिक समर्थन और दया का भी बड़ा महत्व है।


14. प्रतियोगियों का यह कार्य उनके खेल जीवन में क्या महत्व रखता है?
उत्तर: यह कार्य उनके खेल जीवन में इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने न केवल खेल के नियमों का पालन किया, बल्कि मानवता का भी सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके इस कार्य ने यह सिद्ध कर दिया कि खेल की असली जीत मानवता की होती है। उन्होंने दिखाया कि खेल में प्रतिस्पर्धा से ज्यादा आपसी सहायता और सहयोग की भावना महत्वपूर्ण होती है।


15. इस दौड़ की घटना से हमें समाज में किस प्रकार के आदर्श स्थापित करने चाहिए?
उत्तर: इस दौड़ की घटना से हमें यह सीख मिलती है कि समाज में हमें आपसी सहायता, सहयोग और मानवता के आदर्श स्थापित करने चाहिए। प्रतिस्पर्धा और व्यक्तिगत उपलब्धियों से अधिक महत्वपूर्ण होता है एक-दूसरे की मदद करना और मानवता को सर्वोच्च स्थान देना। इस घटना से हमें सिखना चाहिए कि हर व्यक्ति की सफलता में एक-दूसरे का योगदान होता है और इसे हमें मान्यता देनी चाहिए।


Extra Questions for Practise – CBSE Class 6 Hindi Malhar Chapter 2: Gol, Ek Daud Aisi Bhi

रिक्त स्थान भरें (Fill in the blanks)

  1. ध्यानचंद का जन्म _____ वर्ष में हुआ था।

  2. 'माइनस टीम' के एक खिलाड़ी ने ध्यानचंद के _____ पर हॉकी स्टिक से प्रहार किया।

  3. 1936 के बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद ने कुल _____ गोल किए।

  4. ध्यानचंद की आत्मकथा का शीर्षक _____ है।

  5. भारत में ध्यानचंद के जन्मदिन को _____ के रूप में मनाया जाता है।

उत्तर:

  1. 1904

  2. सिर

  3. छह

  4. गोल

  5. राष्ट्रीय खेल दिवस


अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1: ध्यानचंद की सफलता का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर: उनकी सफलता का रहस्य अनुशासन, मेहनत और खेल के प्रति समर्पण था।


प्रश्न 2: पाठ का शीर्षक ‘गोल’ क्यों दिया गया है?
उत्तर: यह शीर्षक इसलिए चुना गया है क्योंकि हॉकी में जीत या हार का निर्णय टीम द्वारा किए गए गोलों पर निर्भर करता है।


प्रश्न 3: जब ध्यानचंद बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम के कप्तान बने, तब वे सेना में किस पद पर कार्यरत थे?
उत्तर: उस समय वे भारतीय सेना में ‘लांस नायक’ के पद पर नियुक्त थे।


प्रश्न 4: भारत का सर्वोच्च ‘खेल रत्न’ पुरस्कार किसके सम्मान में दिया जाता है?
उत्तर: यह पुरस्कार हॉकी के महान खिलाड़ी ध्यानचंद के सम्मान में दिया जाता है।


प्रश्न 5: जब ध्यानचंद ने सेना में भर्ती ली, तब उनकी उम्र कितनी थी?
उत्तर: ध्यानचंद सिर्फ 16 वर्ष की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हुए थे।


प्रश्न 6: भारत में ध्यानचंद का जन्मदिवस किस रूप में मनाया जाता है?
उत्तर: भारत में उनके जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।


प्रश्न 7: वर्ष 1933 में ध्यानचंद किस रेजीमेंट की ओर से हॉकी खेलते थे?
उत्तर: वर्ष 1933 में ध्यानचंद ‘पंजाब रेजीमेंट’ का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।


These important questions for CBSE Class 6 Hindi Malhar Chapter 2 will help you revise key concepts and improve your answer-writing skills. With extra questions and short question answers, you have everything needed for effective exam preparation and can use it as a test paper. 


We hope this page serves as a helpful resource, and remember, Keep practising and stay confident for your exams! 


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FAQs on CBSE Important Questions for Class 6 Hindi Malhar Gol - 2025-26

1. What are the most important questions from CBSE Class 6 Hindi Chapter 2 ‘Gol’ as per board trends for 2025–26?

  • Describe Major Dhyan Chand’s contributions to Indian hockey.
  • Explain the significance of the 1936 Berlin Olympics as covered in Chapter 2.
  • Discuss the role of teamwork in Major Dhyan Chand’s success stories from the chapter.
  • What valuable life lessons does 'Gol' teach about dedication and leadership?
  • Why is Major Dhyan Chand called the ‘Wizard of Hockey’ in this chapter?

2. Which types of questions from ‘Gol’ are frequently asked in Class 6 CBSE Hindi exams?

  • Short answer conceptual questions about Major Dhyan Chand’s life and values.
  • 5-mark long answers on the impact of sportsmanship and leadership in hockey.
  • Application-based questions connecting events in the chapter to moral lessons.
  • Exam HOTS (Higher Order Thinking Skills) such as ‘How did Dhyan Chand inspire his team?’

3. What is the marking weightage distribution for Important Questions in ‘Gol’ for Class 6 Hindi as per CBSE 2025–26?

  • 1–2 mark: Objective or fill-in-the-blank questions on factual details (birth year, nickname, etc.).
  • 3-mark: Brief explanations (e.g., why teamwork was vital; leadership examples from Dhyan Chand).
  • 5-mark: Elaboration/analysis on championship events, sportsmanship, or chapter themes.

4. How should students approach frequently asked important questions for revision in Hindi Chapter 2 ‘Gol’?

  • Focus on summarizing events around the 1936 Olympics and Dhyan Chand's leadership.
  • Practice CBSE-type short and detailed answers (avoid only memorizing facts; explain ‘how’ and ‘why’).
  • Use bullet points for long answers and key exam terms for quick revision.

5. What conceptual traps do students commonly face in ‘Gol’ important questions, and how can they avoid them?

  • Mixing up factual details, like Olympic years or team roles—always cross-check with textbook data.
  • Writing generic answers—focus on the context and specific incidents from the chapter.
  • Overlooking the importance of leadership and teamwork—include examples and consequences in answers.

6. Based on recent CBSE patterns, what are some HOTS (Higher Order Thinking Skills) important questions for Class 6 Hindi Chapter 2?

  • How did Major Dhyan Chand’s actions during the injury in the Olympics showcase true sportsmanship?
  • Compare and contrast the importance of individual skill versus team cooperation as shown in ‘Gol.’
  • What message does the chapter convey about overcoming personal challenges for collective goals?

7. Why is the 1936 Berlin Olympics considered a turning point in Major Dhyan Chand's career according to ‘Gol’?

The 1936 Berlin Olympics marked India’s triumph in hockey under Major Dhyan Chand's captaincy. His performance, especially scoring after injury, not only led India to a decisive 8–1 victory over Germany but also established his legendary status, inspiring teamwork and national pride as highlighted in Class 6 Hindi Chapter 2.

8. What are the key exam blind spots students should avoid when answering important questions from Chapter 2?

  • Confusing details between Major Dhyan Chand’s personal qualities and team achievements—cite both with examples.
  • Not mentioning the chapter’s main theme (teamwork and sportsmanship)—ensure they are included in all long answers.
  • Missing the connection between life lessons and chapter events—clearly relate incidents to morals in answers.

9. What kinds of extra questions are likely to appear for ‘Gol’ as per CBSE 2025–26 exam pattern?

  • Fill in the blanks: Year of birth, team roles, nickname of Major Dhyan Chand.
  • Short answer: Explain why Major Dhyan Chand is an ideal role model as per the chapter.
  • Application: Relate an incident from the chapter to current day teamwork in sports.

10. Explain the lesson of teamwork as reflected in ‘Gol’ using a 3-mark CBSE pattern answer.

‘Gol’ demonstrates that teamwork is crucial for success in both sports and life. Major Dhyan Chand prioritized passing the ball and supporting his teammates, proving that victories are achieved when personal glory is set aside for the team's benefit. This is the core message of the chapter as per CBSE’s focus on value-based questions.

11. What is a common misconception about Major Dhyan Chand’s role as described in Class 6 Hindi 'Gol'?

A frequent misconception is that Major Dhyan Chand’s success was due solely to his individual talent. In reality, as highlighted in ‘Gol,’ his leadership, sportsmanship, and ability to elevate his entire team were equally important to India’s hockey victories.

12. Which character-based and theme-based questions from ‘Gol’ are most likely to appear in Class 6 Hindi important exams?

  • Character-based: Describe the leadership qualities of Major Dhyan Chand reflected in the chapter.
  • Theme-based: What is the main message or moral of the chapter 'Gol' regarding discipline and perseverance?

13. How can students maximize marks in long answer questions for Chapter 2 Important Questions?

  • Always start with a strong, relevant introduction reflecting the question’s keywords (e.g., teamwork, leadership).
  • Support each point with specific chapter incidents or examples involving Dhyan Chand or the team.
  • Conclude by summarizing the lesson or value illustrated for maximum CBSE marks.

14. What is the main message of the Class 6 Hindi chapter ‘Gol’ as tested in Important Questions?

The main message of ‘Gol’ is the importance of dedication, team spirit, and exemplary sportsmanship. Major Dhyan Chand’s story teaches that success is achieved through relentless practice, discipline, and putting the team’s needs above personal fame—as reflected in all CBSE 2025–26 important questions and answers.