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NCERT Solutions For Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila - 2025-26

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Ahmednagar Ka Kila Questions and Answers - Free PDF Download

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 from Bharat Ki Khoj, Ahmednagar Ka Kila, explains the chapter’s events and themes. This chapter, written by Pandit Jawaharlal Nehru, describes his experience of being imprisoned in Ahmednagar Fort during India’s struggle for independence. Chapter 1 reflects on the physical aspects of the fort and gives insights into Nehru's deep thoughts on freedom, the past glory of India, and its future. These solutions aim to offer clear and easy-to-understand answers for each question, making it easier for students to grasp the key concepts of the chapter.

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Our solutions for Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj NCERT Solutions PDF breaks the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 8 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 8 Chapter 1.


Glance on Class 8 Hindi Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila FREE PDF (Bharat Ki Khoj ) 

  1. Jawaharlal Nehru, one of India's foremost leaders and the first Prime Minister of independent India, wrote Ahmednagar Ka Kila while imprisoned during the Indian freedom struggle. 

  2. Chapter 1 reflects his deep thoughts on India's history and its potential future.

  3. The chapter is set in Ahmednagar Fort, where Nehru was imprisoned by the British. 

  4. This fort serves as both a physical and symbolic backdrop for his reflections on India’s rich past, its struggle for freedom, and his hopes for the future.

  5. Nehru uses the fort as a canvas to explore themes of freedom and captivity. He reflects on India's ancient history, the richness of its culture, and its strength in overcoming adversities. 

  6. His writings show his thoughts on how India can reclaim its rightful place in the world by breaking free from colonial rule.

  7. The chapter belongs to the genre of personal reflection, as Nehru pens down his inner thoughts during a time of personal and national crisis. 

  8. His reflections are both emotional and intellectual, offering a window into his mind during the fight for independence.

Access NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1

1. ‘आखिर यह भारत है क्या? अतीत में यह किस विशेषता का प्रतिनिधित्व करता था? उसने अपनी प्राचीन शक्ति को कैसे खो दिया? क्या उसने इस शक्ति को पूरी तरह खो दिया है? विशाल जनसंख्या का बसेरा होने के अलावा के या आज उसके पास ऐसा कुछ बचा है जिसे जानदार कहा जा सके?’

ये प्रश्न अध्याय दो के शुरुआती हिस्से से लिए गए हैं। अब तक आप पूरी पुस्तक पढ़ चुके होंगे। आपके विचार से इन प्रश्नों के क्या उत्तर हो सकते हैं? जो कुछ आपने पढ़ा है उसके आधार पर और अपने अनुभवों के आधार पर बताइए।

उत्तर: भारत एक विशाल जनसंख्या वाला प्राचीनतम देश है। यहाँ की विशिष्ट संस्कृति और सभ्यता है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की महानता शुरू से वर्तमान तक विश्व में लोकप्रिय रही है। यही कारण है कि अनेक हमलावरों ने इसे नष्ट करने का प्रयास किया इसके बावजूद भी इसकी सत्ता को कोई समाप्त नहीं कर पाया। आज भी विश्व की महान सभ्यताओं के नष्ट होने के बाद भी यह अपना अस्तित्व बनाए हुए है। भौमिक स्वरूप में नदी, पहाड़, मैदान जंगल आ सकते हैं। भारत अतीत में महान संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता था। यहाँ की राष्ट्रीयतावाद की अवधारणा प्रमुख थी।


2. आपके अनुसार भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी-विकास की दौड़ में क्यों पिछड़ गया था?

उत्तर: हमारे विचार में भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी विकास की दौड़ में इसलिए पिछड़ गया क्योंकि उस समय इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति आरंभ हुई जबकि विश्व के कई देशों में पुनर्जागरण पंद्रहवीं शताब्दी में ही शुरू हो चुका था। इसके अतिरिक्त उस समय उत्तरी भारत में लगातार बाहरी आक्रमण हो रहे थे। हमलों के कारण भारत का ध्यान अपना अस्तित्व बचाने पर केंद्रित हो गया। वह अपनी आंतरिक सुरक्षा में लगा रहा। सभी संसाधनों के होते हुए भी भारत वैज्ञानिक खोजों और आविष्कारों की ओर ध्यान केंद्रित न कर सका। यही कारण था कि भारत यूरोप से तकनीकी विकास की दौड़ में पिछड़ गया।


3. जवाहर लाल नेहरू ने कहा, “यह बात दिलचस्प है कि भारत अपनी कहानी की इस भोर-बेला में ही हमें एक नन्हें बच्चे की तरह नहीं, बल्कि अनेक रूपों में विकसित सयाने रूप में दिखाई पड़ता हैं।” उन्होंने भारत के विषय में ऐसा क्यों और किस संदर्भ में कहा है?

उत्तर: नेहरू जी इस कथन में सिंधु घाटी की सभ्यता के बारे में बताना चाहते है। लेकिन बहुत की काम सभ्यता देखने को मिलती है उनके अनुसार यह विकसित सभ्यता थी। विकास को पाने के लिए इस सभ्यता ने बहुत समय लिया इस सभ्यता ने फ़ारस मेसोपोटामिया और मिश्र की सभ्यता से व्यापारिक सम्बन्ध बनाए थे। इस सभ्यता में नागर सभ्यता बहुत प्रचलित है नेहरू जी के अनुसार आधुनिक भारत को छ या सात हजार साल पुरानी सभ्यता से जोड़ता है। इसी कारण नेहरू जी ने इसे भारतीय सभ्यता की भोर-बेला कहा है। जो एक छोटे बच्चे की तरह नहीं वह शुरुवात से ही एक विकसित मनुष्य जैसी रही है। इस सभ्यता ने सुन्दर वस्तुओ का निर्माण ही नहीं किया बल्कि आधुनिक सभ्यता के लिए ज्यादा ठेठ चिन्हो-अच्छे हममे और नारियलों के तंत्र का भी निर्माण किया था। जिसने आगे चल कर भवन निर्माण व् जल निकसन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त किया। यह भारत के लिए सिंधु सभ्यता व् मोहनजोदाड़ो के कारण की सिद्ध हो सका है।  


4. जवाहर लाल नेहरू ने कहा, “यह बात दिलचस्प है कि भारत अपनी कहानी की इस भोर-बेला में ही हमें एक नन्हें बच्चे की तरह नहीं, बल्कि अनेक रूपों में विकसित सयाने रूप में दिखाई पड़ता हैं।” उन्होंने भारत के विषय में ऐसा क्यों और किस संदर्भ में कहा है?

उत्तर: नेहरू जी ने यह कथन सिंधु घाटी की सभ्यता के बारे में कहा है क्योंकि सिंधु घाटी जितनी विकसित सभ्यता का उल्लेख कम ही देखने को मिलता है। उनके अनुसार ये विकसित सभ्यता थी। उस विकास को पाने के लिए इस सभ्यता ने हज़ारों वर्षों का साथ लिया होगा। इस सभ्यता ने फ़ारस मेसोपोटामिया और मिश्र की सभ्यता से व्यापारिक सम्बन्ध कायम किए थे। इस सभ्यता में नागर सभ्यता बड़ी उत्तम थी। नेहरू जी के अनुसार आधुनिक भारत को छ: सात हज़ार साल पुरानी इस सभ्यता से जोड़ता है। इसलिए नेहरू जी ने इसे भारतीय सभ्यता की भोर-वेला कहा है जो एक छोटे बच्चे की तरह नहीं बल्कि आरम्भ से ही विकसित सयाने रूप में विद्यमान थी। इस सभ्यता ने सुंदर वस्तुओं का निर्माण ही नहीं किया बल्कि आधुनिक सभ्यता के लिए उपयोगी ज़्यादा ठेठ चिह्नों-अच्छे हमामों और नालियों के तंत्र का भी निर्माण किया था। जिसने आगे चलकर भवन निर्माण व जल निकासन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त किया। ये भारत के लिए सिंधु सभ्यता व मोहनजोदड़ो के कारण ही संभव हो सका है।


5. सिंधु घाटी के अंत के बारे में अनेक विद्वानों के कई मत हैं। आपके अनुसार इस सभ्यता का अंत कैसे हुआ होगा, तर्क सहित लिखिए।

उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता के अंत के विषय में विद्वानों के भिन्न-भिन्न मत रहे हैं:

(1) कुछ विद्वान मानते हैं कि अकस्मात किसी दुर्घटना के कारण इस सभ्यता का अंत हो गया, पर इसका प्रमाण किसी के पास नहीं है।

(2) कुछ मत के अनुसार, सिंधु सभ्यता सिंधु नदी के किनारे बसी थी। यह नदी भंयकर बाढ़ों के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं बाढ़ों के कारण इस घाटी का अंत हो गया होगा।

(3) कुछ मत के अनुसार तो मौसम परिवर्तन से ज़मीन सूख गई हो और उपजाऊ भूमि रेगिस्तान में बदल गई हो। इस मत के तो कुछ सबूत भी मिलते हैं। जैसे- खुदाई के दौरान मोहनजोदड़ो सभ्यता के खंडहर बालू की सतह के नीचे मिले हैं। विद्वानों के अनुसार बालू के कारण ज़मीन की सतह ऊँची उठती गई और नगरवासियों को मजबूर होकर पुरानी नींवों पर ऊँचाई पर मकान बनाने पड़े। 


6. “हमें आरंभ में ही एक ऐसी सभ्यता और संस्कृति की शुरुआत दिखाई पड़ती है जो तमाम परिवर्तनों के बावजूद आज भी बनी हुई है।” आज की भारतीय संस्कृति की ऐसी कौन-कौन सी बातें/चीजें हैं, जो हजारों साल पहले से चली आ रही हैं। आपस में चर्चा करके पता लगाइए।

उत्तर: हमें शुरुआत से ही एक ऐसी सभ्यता और संस्कृति दिखाई पड़ती है जो अनेक परिवर्तनों के बावजूद आज भी हमारी प्रेरणा बनी हुई है; जैसे- सत्य, अहिंसा, परोपकार एवं त्याग की भावना, अतिथि सत्कार गुरुजनों का आदर जन्मभूमि से प्यार, मातृभूमि की रक्षा की भावना आदि हमारे पौराणिक युग से लेकर आज तक उनकी परंपरा ज्यों की त्यों बनी है।


7. प्राचीन काल से लेकर आज तक राजा या सरकार द्वारा ज़मीन और उत्पादन पर ‘कर’ (tax) लगाया जाता रहा है। आजकल हम किन-किन वस्तुओं और सेवाओं पर कर देते हैं- सूची बनाइए।

उत्तर: आजकल हम निम्नलिखित वस्तुओं और सेवाओं पर कर देते हैं- आय पर कर, खाद्य-पदार्थों पर बिक्री कर, सर्विस टैक्स, वस्त्रों पर कर, होटल के खाने पर कर, वैट टैक्स उत्पादन पर, उत्पाद टैक्स गृह टैक्स, सीमा शुल्क टैक्स। अब भारत सरकार एवं राज्यों के सहमति से एक टैक्स बनाया गया है जिसे जी.एस.टी. कहते हैं।उत्पादन पर, उत्पाद टैक्स गृह टैक्स, सीमा शुल्क टैक्स। अब भारत सरकार एवं राज्यों के सहमति से एक टैक्स बनाया गया है जिसे जी.एस.टी. कहते हैं।


8. (क) प्राचीन समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रभाव के दो उदाहरण बताइए।

(ख) वर्तमान समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के कौन-कौन से प्रभाव देखे जा सकते हैं? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची बनाइए। (संकेत-खान-पान, पहनावा, फ़िल्में हिंदी, कंप्यूटर, टेलीमार्केटिंग आदि)

उत्तर:

(क) प्राचीन समय में विदेशियों में भारतीय संस्कृति के कई प्रभाव पड़े। भारत में आने वाले विदेशी यात्री भारत की संस्कृति की विभिन्न विशेषताओं को अपने साथ ले गए उनमे से मुख्य है- भारत की खानपान की चीजे, भारतीय कपड़ो का विदेशियों पर प्रभाव। 

(ख) वर्तमान समय में विदेशो में भारतीय संस्कृति के कई प्रभाव देखे जा सकते है-

  • भारत की विभिन्न प्रकार की खाने की चीजे। 

  • भारत में पहनने वाले कपड़ो को पसंद करना।

  • भारतीय भाषा हिंदी व् अन्य भारतीय भाषाएँ। 


9. प्कौटिल्य के अर्थशास्त्र में अनेक विषयों की चर्चा है, जैसे, “व्यापार और वाणिज्य, कानून और न्यायालय, नगर व्यवस्था, सामाजिक रीति-रिवाज, विवाह और तलाक, स्त्रियों के अधिकार, कर और लगान, कृषि, खानों और कारखानों को चलाना, दस्तकारी, मंडियाँ, बागवानी, उद्योग-धंधे, सिंचाई और जलमार्ग, जहाज़ और जहाजरानी, निगमें, जन-गणना, मत्स्य-उद्योग, कसाई खाने, पासपोर्ट और जेल-सब शामिल हैं। इसमें विधवा विवाह को मान्यता दी गई है और विशेष परिस्थितियों में तलाक को भी।” वर्तमान में इन विषयों की क्या स्थिति है? अपनी पसंद के किन्हीं दो-तीन विषयों पर लिखिए।

उत्तर: विवाह और तलाक :- विवाह एक ऐसे रिश्ते का नाम है जिसमे दो मनुष्य के साथ-साथ दो परिवार भी जुड़ते है। विवाह में दो मनुष्य अपने पुराने जीवन को छोड़ कर नए जीवन में प्रवेश करते है और नै जिम्मेदारियों को उठाते है विवाह में यहाँ दो व्यक्तियों की डोर आपस में जुड़ जाती है इसी तरह दो परिवारों का समन्वय उन्हें नए बंधन में बांधता है। जिससे उनके कर्तव्य और जिम्मेदारियां दुगुनी हो जाती है।  विवाह के पश्चात् एक लड़की नए घर व् नए परिवार और नए जीवन में प्रवेश करती है नए रिश्तो में खुद को ढालती है व् नए रिश्तो का सम्मान करती है। यह सब तभी संभव है जब आप विवाह करते है उसी तरह एक लड़के को भी नए सिरे से शुरुवात करनी होती है। पहले के समय में औरतो पर बहुत साड़ी जिम्मेदारियों का प्रभाव बना रहता था। क्योंकि ज्यादातर महिलाए अशिक्षित हुआ करती थी इसलिए वह केवल घरो को ही संभालती थी उनके लिए उनका परिवार, उनके बच्चे, उनका घर, और बच्चो का भविष्य की उनका एक मात्र उद्देशय हुआ करता था। वह अपना सारा जीवन इसी भावना पर प्रदान क्र देती थी की भारतीय समाज पुरुष प्रधान समाज है। लेकिन समय के साथ-साथ औरतो की स्थिति में बहुत बदलाव आये है जहाँ पूर्ण समय की महिलाए अपना सब अपने परिवार की देख-रेख में बिता बिता दिया करती थी वही आज महिलाए शिक्षित हो कर पुरुषो के कंधे-से-कन्धा मिला कर चल रही है। अब की महिलाओ के लिए घर परिवार के साथ-साथ नौकरी करना भी जरुरी हो गया है।  आज की महिला पुरुषो से काम नहीं है किसी भी तरह से। आज महिलाए पुरुषो की तरह नौकरी करती है तो उसे अपने परिवार को समय देना मुश्किल हो जाता है अन्यथा अगर वह ऐसा कर पाती है तो वह सुखी है वरना तलाक की प्रवृति आरम्भ होने लगी है। जहाँ पुराने समय की महिलाए पुरुष से दब कर रहा करती थी वहीँ अब वह अपनी आवाज बुलंद कर के अपने हक़ के लिए लड़ती है। समय की व्यस्तता ने महिलाओ पर तलाक के लिए जोर दिया है व्यस्तता के कारण रिश्तो में खटास आने लगी है। पहले के दौर में तलाक को बहुत बुरा मन जाता था और मुश्किल से ही लोग इसके लिए तैयार हुआ करते थे लेकिन आज के प्रगतिशील समय में यह आम बात होती जा रही है। पहले तलाक का जिक्र भी नहीं किया जाता था लेकिन आज तलाक लेने से पहले सोचा भी नहीं जाता समय की बढ़ती इस कुरीति ने विवाह के प्रति लोगो में डर पैदा कर दिया है। 

विधवा विवाह :-प्राचीन काल से हमारे भारत में विधवा विवाह को उचित नहीं माना गया है। उस समय के पश्चात् एक स्त्री के पति की मृत्यु हो जाने के बाद साधा जीवन व्यतीत करना विधवा स्त्री के लिए उचित माना जाता था। उसके पति की मृत्यु के बाद या तो विधवा स्त्री को सटी होना पड़ता था या फिट उसे समाज का परित्याग करना पड़ता था उनको हरिद्वार या वाराणसी में साध्वी जीवन जीना होता था। विधवा होने के लिए उन्हें कैसा जीवन जीना है इसकी पूरी सूचि उनको थमा दी जाती थी उस समय समाज में विधवाओं की संख्या काफी होती थी इसका मुख्य कारण था बालावस्था में उनका विवाह क्र दिया जाना। बालपन से ही उन्हें विधवा जीवन जीने के लिए झोंक दिया जाता था। समाज में उनकी स्थिति दयनीय बानी हुई थी यहाँ तक की चण्डकाय शास्त्र में भी विधवा विवाह की बात की गयी है परन्तु रामराज मोहन राय ने विधवा विवाह के विरुद्ध महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन्होंने सती प्रथा पर रोक लगाई और विधवा विवाह पर जोर दिया। इनमे उनका अंग्रेजो ने भी साथ दिया और विधवा विवाह को मान्यता दिलवाई राजाराम मोहन राय की इस सोच ने आज समाज में विधवा विवाह को अहमियत दिलाई है। अब समाज में बालविवाह देखने को बहुत ही काम मिलता है सरकार ने लड़के व् लड़की की विवाह की उम्र 18 से 19 राखी गयी है। इससे काम उम्र में विवाह करने पर परिवार वालो के ऊपर क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी। समाज में शिक्षित होना लड़कियों के लिए वरदान साबित हुआ अब लड़कियों का शिक्षित होना बहुत जरुरी माना जाता है। इस बदलाव के कारण समाज में विधवाओं की संख्या काम हुई है।  


10. आजादी से पहले किसानों की समस्याएँ निम्नलिखित थीं “गरीबी, कर्ज, निहित स्वार्थ, जमींदार, महाजन, भारी लगान और कर, पुलिस के अत्याचार- “आपके विचार से आजकल किसानों की समस्याएँ कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: आजादी से पहले जो समस्याए निहित थी उनमे से कुछ समस्याओ का उन्मूलन हो गया था। लेकिन परिस्थितियां आज भी नहीं बदली है आज के किसानो को भी उसी प्रकार विभिन्न समस्याओ का सपना करना पड़ता है वो समस्याए इस प्रकार है:

  • आज के किसानो की तुलना पुराने किसानो की स्थिति से की जाए तो आज का किसान भी गरीब ही है खेती करने के लिए आवश्यक चीजें कर पाना उसके बस में नहीं है पहले के समय में हल द्वारा खेतो को जोटा जाता था परन्तु आज बोने, कटाई, व सफाई के लिए आधुनिक मशीने आ गयी है जिसकी वजह से पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है 

  • पहले की तुलना में जलवायु के परिवर्तन से अधिक नुक्सान हुआ है। सही समय पर वर्षा न होना जिसके कारण सूखा पड़ना या फिर अधिक वर्षा होने के कारण खड़ी फसलों का खराब होना। 

  • सिंचाई के साधनो के अभाव के कारण किसानो की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में जल का प्रबंध न होने के कारण किसानो का नुक्सान होना बड़ी मात्रा में।

  • किसानो को अपनी पैदावार बढ़ने के लिए उन्हें उन्नत बीज नहीं मिल पाना। हर साल अपनी पैदावार को बढ़ने के लिए किसानो को पैसो की जरुरत पड़ती है।     


11. “सार्वजनिक काम राजा की मर्जी के मोहताज नहीं होते, उसे खुद हमेशा इनके लिए तैयार रहना चाहिए।” ऐसे कौन-कौन से सार्वजनिक कार्य हैं जिन्हें आप बिना किसी हिचकिचाहट के करने को तैयार हो जाते हैं?

उत्तर: ऐसे कई सारे काम है जो हम सरकार के बिना कर सकते है वह इस प्रकार है:

  • किसी की भी मदद करने के लिए हमें सर्कार की आवश्यकता नहीं होती फिर चाहे वह मनुष्य हो या जानवर यह हमारा स्वयं ला निर्णय होता है।

  • समाज में गरीब बच्चो को पढ़ने के लिए हमें सरकार का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं है। हम चाहे तो अपनी मर्जी से बच्चो को पढ़ा लिखा सकते है व् उनको प्रेरित कर सकते है।

  • महिलाओ के लिए सुरक्षा करना यह हमारा कर्तव्य है इसके लिए हमें सरकार से इजाजत लेने की आवश्यकता नहीं है। यदि राजाराम मोहन राय जी अगर महिलाओ के लिए नहीं सोचते बालविवाह व् विधवा विवाह में बदलाव नहीं लाते तो आज यह मुमकिन नहीं होता की महिलाओ की सती प्रथा व् अन्य कुरीतियां जिसके बोझ तले वह अपना जीवन नहीं जी पा रही थी वह बदलाव आज नहीं आता।  यह केवल राजाराम मोहन राय द्वारा ही संभव हो पाया है। 


12. महान सम्राट अशोक ने घोषणा की कि वह प्रजा के कार्य और हित के लिए हर स्थान पर और हर समय हमेशा उपलब्ध हैं। हमारे समय के शासक/लोक-सेवक इस कटौती पर कितना खरा उतरते हैं? तर्क सहित लिखिए।

उत्तर: हमारे देश के शासक व् नेता पहले के समय में आज ज्यादा नाकारा साबित होते है। पहले के शासक व् नेता समाज की भलाई के आगे अपना स्वार्थ त्याग देते थे। उनके लिए जनता सर्वोपरि मानी जाती थी लेकिन आज के समय की बात करे तो आज का नेता बिलकुल इसके विपरीत है सत्ता में आने के लिए आज का नेता जनता का इस्तेमाल करता है केवल वह कभी जनताओ के हिट में नहीं सोचता। आज के नेता के पास समय ही नहीं है की वह जनता की समस्याओ को सुन सके। समाज की दो चार समस्याओ को सुलझा कर वह समझते है की उन्होंने अपना कर्तव्य पूरा कर लिया। आरक्षण के समय वह जनता से झूठे वादे करते है की गरीबी को हटाएंगे समाज में बदलाव लाएंगे महिलाओ की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे बच्चों की शिक्षा में बदलाव व् बढ़ोतरी लाएंगे लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद उनके नीता बनते ही वह सब भूल जाते है केवल अपना स्वार्थ याद रखते है। 


13. “औरतों के परदे में अलग-अलग रहने से सामाजिक जीवन के विकास में रुकावट आई।” कैसे?

उत्तर: पर्दा प्रथा ने महिलाओ को बहुत कष्ट दिया है। माना जाता है की इस प्रथा का विकास मुग़ल-काल से आरम्भ हुआ था शुरू में तो इसे केवल आदर भाव से लिया गया जो केवल बड़े राज घरानो व मुग़ल घरानो तक ही सिमित था। लेकिन धीरे-धीरे पुरे समाज ने इसके ऊपर अपनी पकड़ जमा ली परिदम्स्वरूप औरतो की स्थिति यहाँ दयनीय होने लगी। इससे उनके सामाजिक जीवन के विकास में रुकावट आने लगी। औरते यहाँ पहले सामाजिक कार्यो में भाग ले लिया करती थी। महिलाओ का बिना परदे के पुरुषो के सामने आना बुरा व् गलत माना जाने लगा था जिससे उनकी स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया था उनकी शिक्षा पर भी इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा था। अब उनको परदे में ही रहने के लिए प्रेरित किया जाता था इसके फलस्वरूप वह अशिक्षित ही रह गयी थी। समाज में केवल पुरुषो को ही शिक्षा का अधिकार प्राप्त था इससे उनका मानसिक विकास भी ह्रास हुआ। अब उनकी प्रतिभा केवल पकवान बनाने में ही रह गयी थी। 

 

14. मध्ये काल के इन संत रचनाकारों की अनेक रचनाएँ अब तक आप पढ़ चुके होंगे। इन रचनाकारों की एक-एक रचना अपनी पसंद से लिखिए:

1. अमीर खुसरो

2. कबीर

3. गुरुनानक

4. रहीम

उत्तर:

1. मीर खुसरो - पहेलियाँ एवं मुकरियाँ

2. कबीर  -बीजक

3. गुरूनानक - गुरुग्रंथ साहिब

4. रहीम - रहीम के दोहे।


15. बात को कहने के तीन प्रमुख तरीके अब तक आप जान चुके होंगे-

(क) अभिधा (ख) लक्षणा (ग) व्यंजना

बताइए, नेहरू जी का निम्नलिखित वाक्य इन तीनों में से किसका उदाहरण है? यह भी बताइए कि आपको ऐसा क्यों लगता है?

“यदि ब्रिटेन ने भारत में यह बहुत भारी बोझ नहीं उठाया होता (जैसा कि उन्होंने हमें बताया है) और लंबे समय तक हमें स्वराज्य करने की वह कठिन कला नहीं सिखाई होती, जिससे हम इतने अनजान थे, तो भारत न केवल अधिक स्वतंत्र और अधिक समृद्ध होता…. बल्कि उसने कहीं अधिक प्रगति की होती।”

उत्तर: नेहरू जी का यह वाक्य व्यंजना का उदाहरण है यहाँ नेहरू जी ने सीधे-सीधे प्रहार न कर के प्रतिक के रूप में अंग्रेजी सरकार व् भारतीय जनता पर प्रहार करना चाहा। जिसके कारण वह आरोप को सीधे न लगा कर घुमाकर अपनी बात को आगे रखते है। वह जब व्यंजना शैली में लिखते है तो कोशिश करते है की वह विवादों में न फसें और अपनी बात भी भली प्रकार से कह दे। यही इस शैली का प्रमुख गुड़ है यहाँ नेहरू जी भारत का विकास न हो पाने का जिक्र भी करते है। मुख्य व्यंजना को समझाना थोड़ा मुश्किल होता है यह यदि समझ लिया जाए तो इसे पढ़ने वाले को बहुत आनंद आएगा। हिंदी में व्यंजना को ही दोनों विधा में श्रेष्ठ माना जाता है।   


16. “नयी ताकतों ने सिर उठाया और वे हमें ग्रामीण जनता की ओर ले गईं। पहली बार एक नया और दूसरे ढंग का भारत उन युवा बुदधिजीवियों के सामने आया…’ आपके विचार से आज़ादी की लड़ाई के बारे में कही गई ये बातें किस नयी ताकत’ की ओर इशारा कर रही हैं? वह कौन व्यक्ति था और उसने ऐसा क्या किया जिसने ग्रामीण जनता को भी आज़ादी की लड़ाई का सिपाही बना दिया?

उत्तर: आजादी की लड़ाई के लिए कही गयी ये बाते ताकत के रूप में उभरकर ने बुद्धिजीवी वर्ग के लिए थी। यह वर्ग शिक्षित था इसमें नए और सक्रिय विचारो को समझने की शक्ति थी और इन्ही वर्ग के कारण आधुनिक चेतना का प्रसार हुआ। इन्होने आजादी के महत्व को पहचाना और आम जनता को इसके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। इस ताकत के सबसे बड़े महा नायक थे - महात्मा गाँधी जी। वह महानायक भारत की उस हीन दशा में ताज़ा हवा के ऐसे झोंके की तरह ऐ जिसने हवा में फेल कर हमें चेन से साँस लेना सिखाया। उन्होंने अंग्रेजो के दम-घोटु शासन से बहार निकला।  


17. ‘भारत माता की जय’ आपके विचार से इस नारे में किसकी जय की बात कही जाती है? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

उत्तर: जब भी हम इस नारे को लगते है तो हम सदैव ही भारत भूमि की जय की बात करते है। क्योंकि इस भूमि में भारत की भौगोलिक स्थिति उसकी धरती, पहाड़, जमीन, नदी, अपितु भारत के लोग व् संस्कृति को भी अभिन्न अंग के रूप में जोड़ गया है। तब उन सब से मिलकर बने 'भारत' को माँ के रूप में जय घोष करते है इस कथन को नेहरू जी ने अपने समर्थन में दिया है। 


18. (क) भारत पर प्राचीन काल से ही अनेक विदेशी आक्रमण होते रहे। उनकी सूची बनाइए। समय क्रम में बनाएँ तो और भी अच्छा रहेगा।

(ख) आपके विचार से भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना इससे पहले के आक्रमणों से किस तरह अलग है?

उत्तर: 

(क)

  1.  1000 ई. मम्मड़ जगनवी

  2. 1191 ई. शहाबुद्दीन गौरी (मोहम्मद गौरी)

  3. 1400 ई. तैमूर (तुर्क-मंगोल)

  4. 1526 ई. बाबर (मुग़ल साम्राजय की नीव, पहला शासन)

  5.  - नादिरशाह 

  6. 1700 ई. से 1946 ई. अंग्रेज 

(ख) अंग्रेजी राज्य अन्य आक्रमणकारियों से भिन्न था। पहले के आक्रमणकारी भारत की धन सम्पत्तियो को लूट कर ले जाया करते थे। भारत में रहने का उनका कोई और उद्देश्य नहीं हुआ करता था केवल मुग़ल साम्राज्य को छोड़कर अधिकतर ने भारत की अतुल सम्पदा को लुटा है और भारत की सभ्यता का नाश करने का प्रयास किया है। लेकिन अंग्रेजी सर्कार इसे अपने उपनिवेशन के लिए रखना चाहती थी। वे यहाँ पर खून-खराबा करना नहीं चाहते थे। वे भारत को अपना गुलाम बनाना चाहते थे उन्होंने शुरुवात में अपने पेअर शांति पूर्वक जमाए। उन्होंने युद्धों या आक्रमण के समय अपनी बुद्धि का भली-भाती प्रयोग किया और पुरे भारत पर कब्ज़ा कर लिया। 


19. (क) अंग्रेजी सरकार शिक्षा के प्रसार को नापसंद करती थी, क्यों?

(ख) शिक्षा के प्रसार को नापसंद करने के बावजूद अंग्रेज़ी सरकार को शिक्षा के बारे में थोड़ा बहुत काम करना पड़ा/क्यों?

उत्तर: (क) अंग्रेजी सरकार को भारत में शिक्षा का प्रसार करना पसंद नहीं था। उसका कारण यह था की अंग्रेजी सरकार भली-भाति जानती थी की शिक्षा मनुष्य के विकास के सारे रस्ते खोल देती है तथा उसे आगे बढाती हैउसको विकास के रस्ते देती है ताकि वह उस ऊंचाई तक पहुँच जाए जहाँ का वह हक़दार है। और यही चीज अंग्रेजी सरकार नहीं होने देना चाहती थी की भारत के मनुष्यो का विकास हो। भारत में शिक्षा के अभाव के कारण वहां के लोग अशिक्षित ही रहे जिसके कारण उनका विकास नहीं हो पाया यदि भारतीय शिक्षित हो जाते तो यह अंग्रेजी सरकार के लिए घाटे का सौदा होता। 

(ख) अंग्रेजो ने शिक्षा का प्रसार न पसंद करते हुए भी उन्होंने थोड़ा सा शिक्षा का प्रसार किया। क्योंकि इसमें उनका स्वार्थ छुपा हुआ था। भारत में पैर पसारने के साथ-साथ उनको अपने लिए क्लर्को की जरुरत थी जिसके लिए उन्होंने शिक्षा का प्रसार किया। यह शिक्षा सिमित थी लेकिन परिपूर्ण नहीं थी फिर भी शिक्षा ने भारतीय लोगो के दिमाग की खिड़कियां खोल दी थी। जिससे भारतीय लोगो में परिवर्तन आने लगा।  


20. ब्रिटिश शासन के दौर के लिए कहा गया कि-“नया पूँजीवाद सारे विश्व में जो बाज़ार तैयार कर रहा था उससे हर सूरत में भारत के आर्थिक ढाँचे पर प्रभाव पड़ना ही था।” क्या आपको लगता है कि अब भी नया पूँजीवाद पूरे विश्व में जो बाज़ार तैयार कर रहा है, उससे भारत के आर्थिक ढाँचे पर प्रभाव पड़ रहा है? कैसे?

उत्तर: इस पूंजीवाद ने भारतीय समाज के पुरे संगठन का आर्थिक और संरचनात्मक आधार का विघटन कर दिया। यह एक ऐसी व्यवस्था थी जिसका पूरा सञ्चालन बाहर से होता था पर इसको भारत के लोगो पर लाड दिया गया था। भारत एक ब्रिटिश ढांचे का औपनिवेशिक और मुछल्ला मात्र ही रह गया था। इससे हमारी आर्थिक ढांचे पर पूंजीवाद का प्रभाव पद सकता है। भारत की पूंजी बाहर जा रही है। आज भारत का पूरा बाजार विदेशी उत्पादों से भर चूका है और भारत का सारा धन पूंजीपतियों की जेब में जा रहा है। 


21. गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने पर निम्नलिखित में किस तरह का बदलाव आया, पता कीजिए:

(क) कांग्रेस संगठन में।

(ख) लोगों में विद्यार्थियों, स्त्रियों, उद्योगपतियों आदि में।

(ग) आजादी की लड़ाई के तरीकों में।

(घ) साहित्य, संस्कृति, अखबार आदि में।

उत्तर: (क) गाँधी जी से पहले भारत में कांग्रेस पार्टी अपनी पहचान खो रहा था। वह कई अनेक दलों में विभाजित हो रहा था गाँधी जी के कांग्रेस पार्टी में जुड़ने से पार्टी की एक नहीं पहचान बनी उनके नेतृत्व के कारण की आज कांग्रेस पार्टी राष्ट्रिय पार्टी बन पाई थी। 

(ख) लोगो में नै शक्ति की भावना आने लगी विद्यार्थियों ने पाठशाला को छोड़ कर देश की सेवा को अपना जीवन दे दिया और आज़ादी की लड़ाई में कूद गए। स्त्रियों ने परदे में रहना छोड़ कर पुरुषो से कंधे-से-कन्धा मिला कर चलती लगी। 

(ग) पहले के क्रांतिकारी हिंसा करना चाहते थे। उन्होंने कई बेम धमाके किये अंग्रेजी अफसरों की हत्या करवाई लेकिन घंडी जी के आने के बाद से इन सब चीजों में परिवर्तन आ गया गाँधी जी ने अहिंसा पर अधिक बल दिया। उन्होंने पद यात्रा, अनशन, धरने जैसी शांतिपूर्ण हथियारों को अपना उद्देशय बनाया अब बेम और बन्दुक का स्थान अहिंसा ने ले लिया था। 

(घ) साहित्य, संस्कृति,व् अखबार का विकास हुआ। पहले सिर्फ ब्रिटिश अखबार ही बनता था, लेकिन जैसे-जैसे शिक्षा को महत्व मिलना शुरू हुआ साहित्य और संस्कृति ने भी अपनी पकड़ जमा ली। अब भारत की हर भाषा में अखबार छापे जाते है। इन्ही अखबारों के द्वारा जनता में जाग्रति की लहर फैलाई जा रही थी। 


22. पृष्ठ संख्या 122 पर नेहरू जी ने कहा है कि-”हम भविष्य की उस ‘एक दुनिया की तरफ़ बढ़ रहे हैं जहाँ राष्ट्रीय संस्कृतियाँ मानव जाति की अंतरराष्ट्रीय संस्कृति में घुलमिल जाएँगी।” आपके अनुसार उस ‘एक दुनिया में क्या-क या अच्छा है और कैसे-कैसे खतरे हो सकते हैं?

उत्तर: 

1. उस दुनिया में निम्नलिखित बाते अच्छी होंगी :

  • सभी को रोजगार के शिक्षा के अनुसार अवसर प्रदान किये जाएंगे। 

  • सभी को समानता का अधिकार प्राप्त होगा। ना कोई आमिर, ना कोई गरीब, ना कोई रंग-भेद, ना कोई जाती होगी। 

  • एकता और एक नए अखंड देश का निर्माण होगा। 

  • देश की प्रगति नए रास्तो की और बढ़ेगी। 

2. निम्नलिखित खतरे यह होंगे :

  • सभी को समान रूप से रोजगार देने के अवसर में कहीं अराजकता ना फ़ैल जाए क्योंकि अगर सबके लिए रोजगार उपलब्ध न हो पाया तो अहिंसा की भावना व असंतोष की भावना प्रकट हो जाएगी जिसके कारण विरोध उत्पन्न होगा। 

  • सबके लिए यही समान अवसर ना प्राप्त हो तो उसकी एकता पर गहरा प्रभाव पद सकता है। 

  • अन्तर्विरोधियो से देश की प्रगति पर रोक लग सकती है।


Learnings of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila (अहमदनगर का किला) PDF  

  • Understanding India's Freedom Struggle: Nehru’s reflections offer insight into the emotions and sacrifices behind India’s independence movement, helping students understand the spirit of patriotism.

  • Historical Insight: The chapter provides a glimpse into India’s rich history and culture, inspiring students to appreciate the country’s ancient achievements.

  • Leadership and Vision: Nehru’s vision for India’s future teaches students valuable lessons in leadership, patriotism, and the responsibilities involved in nation-building.

  • Resilience in Adversity: Nehru’s hopeful thoughts, despite being imprisoned, emphasise the importance of perseverance and staying positive during difficult times.

  • Literary Appreciation: The chapter enhances students' appreciation for reflective writing and personal narratives in Hindi literature through Nehru’s expressive language and style.


Conclusion   

The NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila offers students a deeper understanding of Jawaharlal Nehru's reflections on India's history and freedom. These solutions provide well-explained answers, helping students grasp the chapter's themes and key messages. By reviewing these solutions, students can prepare for exams with confidence and develop a better understanding of the chapter’s significance in India’s freedom movement.


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FAQs on NCERT Solutions For Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila - 2025-26

1. What are the key features addressed in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila?

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila provide stepwise, CBSE-aligned answers to all textbook questions for this chapter. They cover Nehru's reflections on India's history, freedom struggle, cultural values and the physical and symbolic significance of Ahmednagar Fort as per CBSE 2025–26 guidelines.

2. Who wrote Ahmednagar Ka Kila in the Class 8 Hindi NCERT textbook, and why is it included?

Ahmednagar Ka Kila was written by Pandit Jawaharlal Nehru. It is included to offer students insights into India's independence movement and encourage critical thinking about the nation's historical journey and leadership, as expected in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1.

3. How do NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 assist students with exam preparation?

The NCERT Solutions provide well-organized, detailed, and CBSE-pattern answers, enabling students to understand important concepts, improve answer-writing skills, and revise efficiently for exams as per the latest CBSE 2025–26 syllabus.

4. What is the main theme highlighted in the NCERT Solutions for Ahmednagar Ka Kila?

The main theme is Jawaharlal Nehru's reflection on India's past, struggle for freedom, and vision for the future, all expressed while he was imprisoned in Ahmednagar Fort. The NCERT Solutions focus on these aspects for clarity and depth.

5. What insights into Indian culture and civilization does Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila provide as covered in the Solutions?

The chapter, through the NCERT Solutions, explains India’s ancient civilization, persistence through adversity, and the enduring core values like truth, non-violence, and resilience that continue to shape modern India.

6. Explain how the NCERT Solutions for Chapter 1 highlight Nehru's use of Ahmednagar Fort as a literary symbol.

The Solutions detail how Nehru uses Ahmednagar Fort both as an actual prison and as a strong metaphor for the larger struggle and resilience of India in the face of oppression, inviting students to explore literary symbolism in Hindi literature.

7. How do the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 address common student misconceptions about India’s technological progress compared to Europe?

The Solutions clarify that India lagged behind Europe in technological advancement primarily due to political instability, repeated invasions, and focus on survival, not a lack of resources or intelligence—debunking typical student misconceptions.

8. What higher-order thinking (HOTS) or application-based questions can be expected from Ahmednagar Ka Kila’s NCERT Solutions?

HOTS questions may ask students to analyze how Nehru’s experiences in captivity influenced his vision for India, to compare ancient and modern Indian values, or to evaluate the fort’s symbolic meaning for Indian national identity. These are aligned with the 2025–26 CBSE emphasis on application and reasoning.

9. How does Chapter 1 Ahmednagar Ka Kila help develop language and comprehension skills according to NCERT Solutions?

The Solutions reinforce key vocabulary, contextual meanings, inference from personal narratives, and literary appreciation, supporting students’ reading, interpretation, and expressive abilities as per the Hindi curriculum.

10. What are the major learning outcomes expected from mastering the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1?

  • Understanding historical events and their emotional impact
  • Ability to interpret symbolism and reflective writing
  • Developing empathy and critical reasoning about India’s progress
  • Improved answer structure for Hindi examination as prescribed in CBSE 2025–26

11. How do the NCERT Solutions for Ahmednagar Ka Kila integrate CBSE exam trends for 2025–26?

The Solutions are tailored to the latest CBSE marking scheme, focusing on comprehensive answer structures, conceptual depth, and recent sample question trends, ensuring students practice as per expected patterns for the 2025–26 exam cycle.

12. In what ways do the Solutions explain the significance of leadership and vision as conveyed in Ahmednagar Ka Kila?

The Solutions emphasize Nehru’s leadership qualities, such as visionary thinking, resilience, and a positive outlook for India, providing examples from his writing to inspire similar values in students, as highlighted in the Hindi curriculum.

13. Why is it important to read NCERT Solutions rather than just memorizing answers for Class 8 Hindi Chapter 1?

Reading the Solutions helps students truly understand concepts, develop interpretative skills, and answer unseen or application-based questions. Mere memorization is discouraged in CBSE and does not ensure long-term retention or performance.

14. How do the Solutions for Chapter 1 address both factual and interpretative questions in the Hindi exam?

The Solutions balance direct factual answers (like key events or definitions) with interpretative responses that require analysis of Nehru’s emotions, symbolism, or India’s socio-cultural context, ensuring overall exam readiness for students.

15. What strategies are suggested in the NCERT Solutions for writing high-scoring answers in Class 8 Hindi Chapter 1?

Suggestions include: writing step-by-step answers, using examples from the chapter, maintaining clarity, integrating keywords, and addressing each part of multi-faceted questions—aligning with the CBSE evaluation rubric for 2025–26.